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भारत देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यवसाय में रॉ मटेरियल की मेन्यूफेक्चरिंग का निर्माण स्वयं करना होगा तब ही देश आत्मनिर्भर और वैश्विक शक्ति में मजबूत होगा : PM नरेंद्र मोदी 


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भारत देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यवसाय में रॉ मटेरियल की मेन्यूफेक्चरिंग का निर्माण स्वयं करना होगा तब ही देश आत्मनिर्भर और वैश्विक शक्ति में मजबूत होगा : PM नरेंद्र मोदी

 

नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत देश को आत्म निर्भर बनने के लिए उत्पादन और रॉ मटेरियल की मेन्यूफेक्चरिंग पर जोर दिया तथा देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनने के लिए हमे रोजगार की अपेक्षा स्वयं उत्पादन और प्रोडक्ट का निर्माण करना होगा तब ही देश की आय और व्यय की स्थिति संतुलन में आएगी जब निचले स्तर पर फॉर्म संस्थाएं और छोटो कंपनियां देश में विभिन्न दैनिक जीवन के प्रयोग में आने वाले प्रोडक्ट का स्वयं निर्माण करेंगे और देश की व्यवस्था में विकास के काम  के साथ विदेशों में गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट का निर्माण करेंगे तो आयात की आवश्यकता देश को कम होगी तथा देश की कंपनियों का मॉल और प्रोडक्ट विदेशों में निर्यात होगा तो देश तरक्की और विकास में मील का पत्थर साबित होगा l  हमारे देश में असंतुलित विकास और आय के असमान वितरण की असली वजह ये है कि देश में मैन्युफ़ैक्चरिंग और प्रॉडक्शन लगातार घटता जा रहा है और बड़े-बड़े कारोबारी घराने ट्रेडिंग पर ही जोर दे रहे हैं। औद्योगिक घराने धीरे-धीरे ख़त्म किये जा रहे हैं, जिससे हमारे अपने कच्चे माल, स्किल और हुनर का मोल-मान-महत्व घट रहा है और नौकरी-रोज़गार भी। इसका सबसे बुरा असर ये है कि नारा तो आत्मनिर्भरता का दिया जा रहा है पर बढ़ावा दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों से हाथ मिलाकर, उनके सेलिंग एजेंट बनकर अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को, दुनिया भर से सामान और सर्विसेज़ तक को इंपोर्ट करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

 

इसी कारण अमीर और भी अमीर होते जा रहे हैं व ग़रीब और भी ग़रीब। ये एक विरोधाभासी आर्थिक नीति है जहाँ मंच से तो आत्मनिर्भरता की बात की जाती है लेकिन पर्दे और मंच के पीछे विदेशियों से तैयार माल मँगाने और उनके लाए गये माल को बेचने के सौदे किये जाते हैं। देश की अर्थव्यवस्था बने-बनाए माल मँगाने से नहीं बल्कि देश के अंदर माल बनाने से सशक्त होगी।

 

अपनी अर्थव्यवस्था को धोखा देकर कोई भी सरकार न तो अपने देश को और न ही देशवासियों को समृद्ध और ख़ुशहाल बना सकती है। यदि सरकार ही हाथी के दांत बनेगी तो देश का क्या होगा। असली समृद्धि ट्रिलियन डॉलर के आँकड़े से नहीं बल्कि ये आँकने से आयेगी कि प्रति व्यक्ति आय कितनी बढ़ी है और आय की असमानता कितनी कम हुई है।

Nagrik Udan