क्या कोरोना ने बढ़ा दिया थे हार्ट अटैक का खतरा क्या कहते है मामले में डॉक्टर :
नई दिल्ली: कोविड के आने के बाद या उसके प्रभाव पर आज भी हार्ट अटैक आ रहे है जहां भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में covid 19 खत्म हो चुका है लेकिन उसके द्वारा जो मनुष्य जीवन पर निरंतर खतरा मंडरा रहा है इसका क्या कारण है लोग 30 से 40 वर्ष या इससे कम और अधिक आयु के लोगों को हार्ट अटैक से मृत्यु दर में covied- 19 के बाद वृद्धि हुई है उस पर डॉक्टरों की क्या राय है l
Covid- 19 : आप एक बार सोच कर देखिए कि, ऑफिस में सभी लोग काम कर रहे हैं. इसी बीच किसी व्यक्ति को सीने में दर्द होता और पता चलता है कि, उसे हार्ट अटैक हुआ है. साथ ही जांच में ये भी निकलता है कि, पिछले साल उसे कोरोना हुआ था. इसलिए हार्ट अटैक की दिक्कत हुई है. दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां युवा और हेल्दी लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. सवाल यह उठता है कि, क्या वाकई कोरोना वायरस हार्ट हेल्थ को प्रभावित कर रहा है? जिसका आज तक लोग उसको समझ नहीं पा रहे हैं l
क्या कहते हैं डॉक्टर
क्या कहते हैं डॉक्टर
मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर डायरेक्टर कार्डियक साइंसेज डॉ. वैभव मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में कोरोना इसके लिए जिम्मेदार है. विशेषज्ञों की मानें तो कोविड-19 संक्रमण दिल और रक्त नलिकाओं पर असर डाल सकता है. वायरस के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे रक्त का थक्का बनने का खतरा भी बढ़ता है. यह स्थिति हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका को जन्म दे सकती है और उससे हार्ट अटैक से व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है निरंतर खून के थक्के जमने से लोगों में मृत्यु दर की संख्या में वृद्धि हुई है l
जो लोग पहले से हाइपरटेंशन, डायबिटीज या मोटापे से जूझ रहे हैं.
जिनकी उम्र 40 से ऊपर है.
जिनका कोरोना संक्रमण गंभीर रहा था या जिन्हें ICU में भर्ती होना पड़ा था.
जो फिजिकल एक्टिविटी में कम हैं और स्मोकिंग करते हैं.
कोरोना संक्रमण को हल्के में लेना अब एक बड़ी गलती साबित हो सकती है, खासकर जब उसका असर दिल पर पड़ रहा हो. डॉक्टर्स लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना से रिकवर होने के बाद भी हार्ट हेल्थ को नजरअंदाज न करें. कोरोना के साइड इफेक्ट अभी भी वायरस के रूप में विद्यमान है क्योंकि कोविड का वायरस एक सक्रिय और महामारी के रूप ले चुका है उसका प्रभाव कोरोना प्रभावित व्यक्तियों पर आज भी है और वह दूसरी स्टेज में पुनः आक्रमण करता है और खून के थक्के जमा देता है और मानव शरीर को क्षति पहुंचता है एक हेल्दी लाइफस्टाइल और समय पर जांच ही भविष्य की मुश्किलों से बचा सकती है. साथ ही फिटनेस के साथ स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है l